प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम सम्बोधन कोरोना वायरस के प्रति भारत के आम जन को जागरूक करने की दिशा में एक सकारात्मक कार्यक्रम रहा।प्रधानमंत्री ने अपने तीस मिनट के सम्बोधन में कई महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने की एक सकारात्मक पहल की।भारत की लगभग आधी से अधिक आबादी स्वास्थ्य और दैनिक स्वच्छता के प्रति अनभिज्ञ है या जागरूक होते हुए भी लापरवाह है।जिस कारण कोरोना जैसी गंभीर बीमारी का हमारे देश में काफी व्यापक असर हो सकता है।जैसा की गौर करने वाली बात है की इटली,अमेरिका,चाइना और ऐसे कई ही अन्य प्रगतिशील देश जो जनसुविधाओं और तकनीकी तौर पर हमसे कहीं आगे हैं,इस बीमारी को फैलने से रोकने में नाकाम साबित हुये हैं।हमारा देश स्वास्थ्य और स्वच्छता के मापदंडों पर इन देशों से काफी पीछे है इसलिए जागरूकता और सतर्कता ही इस वैश्विक महामारी से बचाव का विकल्प है।प्रधानमंत्री ने अपनी बात में उन सभी स्वास्थ्य अधिकारियों,सभी कर्मचारियों और अन्य लोगों,जो इस संकट के दौर में अन्य देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए अपने काम को पूरी तत्परता और ईमानदारी से कर रहे हैं उनके प्रति आभार प्रकट करने के लिए 22 मार्च को शाम 5 बजे सभी देशवासियों को अपने घरों की खिड़की व बालकनी से धन्यवाद प्रकट करने का निर्देश दिया।साथ ही साथ 22 मार्च को ही सुबह 7 से 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लगाने का और लोगों से इसमें सहयोग करने की अपील की।
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